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Sunday, January 27, 2019

3.2. ईसा काल (A.D. Time)

3.2. ईसा काल (A.D. Time)



जैसा कि इससे पूर्व के पृष्ठों में बताया जा चुका है कि काल पक्ष की आवश्यकता उन सभी विषयों में होती है जहां स्थानीय विवरण या इतिहास का अध्ययन समय के संदर्भ में किया जाता है। विबिन्दु वर्गीकरण पद्धति की अनुसूची के अध्याय 3 में दी गई एकल तालिका का उपयोग, प्रायोगिक वर्गीकरण में किस प्रकार किया जाता है, इसका विस्तार से उल्लेख यहां किया जा रहा है। 3.1 ईसा पूर्व काल (B.C. Time)
ईसा से पूर्व के समय को प्रदर्शित करना आसान नहीं है। इसका कारण है, इस प्रकार के समय गणना विपरीत दिशा में करनी होती है ताकि पुस्तकों को उनके बढ़ते हुये काल के क्रम में व्यवस्थित किया जा सके। इसके लिये एक विधि अपनाई जाती है जिसे डॉ. रंगनाथन ने Method of Complements कहा है। इस विधि के अनुसार यदि ईसा के पूर्व के किसी ऐसे वर्ष को दर्शाना है जो 9999 से 1000 BC के अन्तर्गत आता है, अर्थात् जिसे काल एकल तालिका में वर्ण B से दर्शाया गया है तो जिस ईसा से पूर्व के वर्ष की संख्या प्राप्त करनी है। उसे 9999 में से घटाना चाहिये। घटाने के बाद जो संख्या प्राप्त हो उसे वर्ण B के साथ जोड़ देना चाहिये। उदाहरणार्थ - 1500 BC के लिये एकल संख्या निम्नलिखित प्रकार से प्राप्त करेंगे -
9999 - 500
125
8849
= B8499
इसी प्रकार - 9000 BC =
9999 9000

999 = B999 इसी प्रकार 999 से 1 BC तक के काल 

को दर्शाने के लिये काल एकल तालिका के वर्ण C का प्रयोग किया जाता है। इसके लिये भी उपर्युक्त उदाहरणों में बतायी गई विधि का प्रयोग करते हुये ईसा से पूर्व के जिस वर्ष की संख्या प्राप्त करनी है, उसे 999 में घटाना होता है तथा घटाने के बाद जो संख्या प्राप्त होती है, उसे वर्ण C के साथ जोड़कर रखा जाता है। नीचे दिये गये उदाहरणों से इसे समझा जा सकता है। उदाहरणार्थ - 900 ईसा पूर्व के लिये 999
- 900
= C 99
99 150 ईसा पूर्व के लिये 999
- 150
849
= C849
| 99 ईसा पूर्व के लिये
999
99
-----
900
= C900
5 ईसा पूर्व के लिये 999
- 5 ।
994 = C994 उपरोक्त विधि दवारा ईसा से पूर्व के काल से संबंधित पुस्तकों का व्यवस्थापन सहायक अनुक्रम के सिद्धान्तों के अनुरूप हो सकेगा क्योंकि इनका व्यवस्थापन काल के घटते हुये क्रम के अनुसार किया गया है। अर्थात् इस विधि से प्राचीन काल से संबंधित प्रलेख पहले और वर्तमान काल से संबंधित प्रलेख उनके बाद व्यवस्थित हो सकेंगे।
| काल एकलों की तालिका वर्ण D से YC तक का प्रयोग ईसवीं काल के लिये किया गया है। अकेला वर्ण D दस शताब्दियों (Ten centuries) का द्योतक है। जबकि E से YC तक के प्रत्येक वर्ण एक एक शताब्दी के सूचक है।।

वर्ण D, प्रथम दस शताब्दियों (1 AD से 999 AD) का प्रतिनिधित्व 

करता है। इस 1000 वर्षों की कालावधि को 0,1 से 9 अंकों के द्वारा विभाजित करने पर दस शताब्दियों के अंक निर्मित हो सकते हैं। शताब्दी अंकों को विभाजित करने पर दशक तथा दशक अंकों को विभाजित करने पर वर्ष अंक बनाये जा सकते हैं- उदाहरणार्थ -
D0 प्रथम शताब्दी (0 AD से 99 A.D.) D1 दूसरी शताब्दी (100 AD से 199 A.D.) D4 पांचवी शताब्दी (400 AD से 499 A.D.) D9 दसवीं शताब्दी (900 AD से 999 A.D.) किसी शताब्दी को दस भागों में विभाजित करने पर दशक अंक निम्नलिखित प्रकार बनेंगें
D4 पांचवी शताब्दी D40 पांचवी शताब्दी का प्रथम दशक D41 पांचवी शताब्दी का दूसरा दशक D49 पांचवी शताब्दी का दसवां दशक प्रत्येक दशक अंक को पुन: दस भागों में विभाजित कर वर्ष अंक निर्मित किये जा सकते हैं। जैसे D40 पांचवी शताब्दी का प्रथम दशक D401 पांचवी शताब्दी का प्रथम दशक का दूसरा वर्ष अथवा 401 AD इसी प्रकार ईसवी काल के निम्नलिखित वर्षा के लिये वर्गीक इस प्रकार से बनेंगे - 1 AD = D 001 10 AD = D 010 15 AD = D 015 115 AD = D 115 900 AD = D 900 999 AD = D 999
इस प्रकार ईसवीं काल के प्रथम दस शताब्दियों के शताब्दी वर्गीक दो अंकों में, दशाब्दी तीन अंकों में तथा वर्ष चार अंकों में निर्मित होंगे।
काल एकल तालिका के वर्ण E से YC तक के प्रत्येक वर्ण का प्रयोग एक एक शताब्दी का प्रतिनिधित्व करने के लिये किया गया है। जैसे -
E= 11 वीं शताब्दी (1000-1099 A.D.)

F= 12 वीं शताब्दी (1100- 1199 A.D.) G= 13 वीं शताब्दी (1200- 1299 A.D.)

 J= 16 वीं शताब्दी (1500- 1599 A.D.) N= 20 वीं शताब्दी (1900- 1999 A.D.) P= 21 वीं शताब्दी (2000-2099 A.D.) Q= 22 वीं शताब्दी (2100-2199 A.D.) YC= 32 वीं शताब्दी (3100-3199 A.D.) इत्यादि ।
उपरोक्त शताब्दी अंकों का विभाजन 0,1 से 9 तक के अंकों के प्रयोग द्वारा दस दशाब्दियों में, तथा प्रत्येक दशाब्दी का विभाजन 0,1 से 9 अंकों द्वारा दस वर्षों में किया जा सकता है। उदाहरणार्थ -
P= 21 वीं शताब्दी (2000-2099 A.D.) इस शताब्दी को निम्नलिखित प्रकार से दशकों में परिवर्तित किया जा सकता हैP0 = 21 वीं शताब्दी का प्रथम दशक (2000-2009 A.D.) P1= 21 वीं शताब्दी का दूसरा दशक (2010-2019 A.D.) P9= 21 वीं शताब्दी का दसवां दशक (2090-2099 A.D.)
किसी शताब्दी के दशक को अर्थात् 10 वर्ष के काल को हम 20's, 30's, 80's के रूप में अभिव्यक्त करते हैं। इसी प्रकार किसी दशक के दस वर्षों को भी 0,1 से 9 अंकों द्वारा विभाजित कर पृथक पृथक वर्ष के रूप में अभिव्यक्त कर सकते हैं। उदाहरणार्थ -
P0 = 2000 - 2009 A.D. P01 = 2001 (21 वीं शताब्दी के प्रथम दशक का पहला वर्ष) P11 = 2011 (21 वीं शताब्दी के प्रथम दशक का पहला वर्ष)
उपर्युक्त उदाहरण में प्रथम अंक P 21 वीं शताब्दी का सूचक है जबकि P को विभाजित करने वाला अंक इस शताब्दी के प्रथम दशक के लिये प्रयुक्त हुआ है। इस दशक अंक P0 को विभाजित करने वाले अंक 0,1 तथा 8 इस दशक के वर्षों के लिये प्रयुक्त हुये हैं। 3.3 अन्तिम प्रभावी दशक (Latest Effective Decade)
अनेक विषयों में, विशेष रूप से सामाजिक विज्ञान संबंधी विषयों में, समय को निश्चित वर्ष के रूप में दर्शाना निरर्थक होता है। ऐसी स्थिति में डॉ. रंगनाथन ने सामाजिक विज्ञान के विषयों में होने वाले परिवर्तनों के समय की गणना वर्ष या दशक रूप में न करके, शताब्दी को दो दो दशकों के पांच भागों में विभाजित करना उपयुक्त समझा। 

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