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Sunday, February 24, 2019

cataloguing, classification, indexing of manuscripts

cataloguing, classification, indexing of manuscripts


025.527 766 5 (b) वर्ग संख्या 025.34 के शीर्षक-cataloguing, classification, indexing of
special materials के पश्चात यह निर्देश दिया गया है Add to base number 025.34 the number following 025.17 in 025.171-025.179... " इस निर्देशानुसार (i) Cataloguing and indexing of microforms की वर्ग संख्या 025.34 + 94 (025.1794 Microforms में से 025.17 छोड़कर) = 0 25.349 4 होगी। (ii) 025.34 + 12 (025.1712 Manuscripts में से 025.17 छोड़कर) = 025.341 2 3.4 इसी प्रभाग / अनुभाग से पक्ष संकेतक के साथ जोड़ना अनेक स्थानों पर उसी प्रभाग या अनुभाग से पक्ष-संकेतक के साथ जोड़ने के निर्देश दिए हुए है। पक्ष-संकेतक जो कि अधिकतर '0' या '04" अंक होते हैं, की आवश्यकता मिश्रित वर्गीकरण से बचने के लिए होती है। मिश्रित वर्गीकरण से तात्पर्य है एक ही वर्ग संख्या द्वारा एक से अधिक विषयों का निरूपण, जो कि वर्गीकरण के मूल सिद्धान्तों के विपरीत है।
पक्ष-संकेतक एकल तथा सामूहिक दोनों प्रकार के निर्देशों में प्रयोग किए जाते हैं। पक्षसंकेतक अंकों को संश्लेषण की प्रक्रिया में आधार संख्या के बाद तथा दूसरे पक्ष के अंकों के पहले जोड़ा जाता है। इस प्रकार संश्लेषण की प्रक्रिया निम्नलिखित क्रम में पूरी होती है:
आधार संख्या + पक्ष-संकेतक + अन्य पक्ष = वर्ग संख्या ।
एकल वर्ग संख्या के साथ दिए गए निर्देश में पक्ष-संकेतक सामान्यतया आधार संख्या के साथ ही जुड़ा हुआ रहता है।
शीर्षक Reproduction in invertibrates की वर्ग संख्या बनाने के लिए तृतीय सारांश में देखने पर 592 Invertibrates शीर्षक मिल जाता है। अब तालिका में वर्ग संख्या 592 के अंतर्गत विभिन्न उपवर्गों का अवलोकन करने पर 592.01-08 के शीर्षक General principles के पश्चात निम्नलिखित निर्देश मिलता है: Add to base number592.0 the number following 591 in 591.1-591.8..." इस निर्देश में आधार संख्या 592.0 का ' 0 ' पक्ष-संकेतक के रूप में प्रयोग हुआ है। अब वर्ग संख्या श्रृंखला 591.1 - 591.8 को देखने पर Reproduction की वर्ग संख्या 591.16 मिलती है, जिसमें से 591 के बाद के अंक अर्थात 16 को आधार संख्या 592.0 के साथ उपर्युक्त निर्देशानुसार जोड़ने पर निम्नलिखित संश्लेषित वर्ग संख्या बनती है:

(i) Reproduction in invertibrates

592.0 + 16 = 592.016 इसी प्रकार Invertibrates के General principles के लिए 592.0 आधार संख्या पर अनेक वर्ग संख्याएं निर्मित की जा सकती हैं।
(ii) Physiology of invertibrates 592.0 + 1 = 592.01 (iii) Biophysics and biochemistry of invertibrates
592.0 + 19 = 592.019 (iv) Evolution of invertibrates | 592.0 + 38 = 592.038 (v) Anatomy of invertibrates 592.0 + 4 = 592.04 (vi) Ecology of invertibrates | 592.0 + 5 = 592.05
इसी तरह, पक्ष संकेतक के साथ उसी प्रभाग या अनुभाग से जोड़ने हेतु निर्देश अन्य स्थानों पर भी मिल जाते हैं। निम्नलिखित उदाहरणों में निर्देशानुसार पक्ष-संकेतक का प्रयोग करते हुए संश्लेषित वर्ग संख्या निर्मित की गई हैं।
(i) Facilities for mentally retarded students
371.928 + 0 + 5(371.9045 Facilities में से 371.904 छोड़कर)=
371.928 05 (ii) Poisonous trees
528.160 + 69(581.69 Poisonous plants में से 581 छोड़कर)=
582.160 69 (iii) Respiratory organs of fishes
597.0 + 42(591.42 Respiratory organs में से छोड़कर)= 597.042 4 सामूहिक 'योजक' निर्देश
दशमलव पद्धति में वर्ग संख्या निर्माण हेतु संश्लेषण की प्रक्रिया में सामूहिक 'योजक निर्देशों का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। इन निर्देशों के अंतर्गत किसी एक वर्ग संख्या श्रृंखला में उससे संबंधित दूसरी वर्ग संख्या श्रृंखला के निर्दिष्ट अंकों को जोड़ने का प्रावधान होता है। सैद्धान्तिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि जिस प्रकार विबिन्दु पद्धति में एक ही विषय के विभिन्न पक्षों की एकल संख्याओं को उनकी अपनी-अपनी तालिकाओं से लेकर जोड़ने का सामान्य प्रावधान है। उसी प्रकार सामूहिक 'योजक' निर्देश भी किसी एक विषय के अंतर्गत विभिन्न पक्षों की वर्ग संख्याओं को (जो एक ही प्रभाग या अनुभाग में अलग-अलग स्थानों पर दी गई है) जोड़ने की सामान्य सुविधा प्रदान की गई है। |

(i) Soil preparation for cotton

यह निर्देश जिन वर्ग संख्याओं को प्रभावित करते हैं, उस वर्ग संख्या को श्रृंखला की प्रथम वर्ग संख्या के ठीक पहले दिए जाते हैं। इन निर्देशों के शीर्षक से पहले सामान्यत: त्रिकोण (४) की आकृति बनी होती है। तथा शीर्षक उस वर्ग संख्या श्रृंखला को व्यक्त करता है जिस पर यह निर्देश प्रभावी होंगे। एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यह निर्देश उपरोक्त वर्ग संख्या श्रृंखला की प्रत्येक वर्ग संख्या पर प्रभावी नहीं होते, बल्कि यह केवल उन्हीं वर्ग संख्याओं के साथ प्रयोग किए जा सकते हैं जिनके शीर्षक के आरंभ में तारा-चिन्ह (*) या कटार चिन्ह (t) अंकित किया गया हो। इन तारांकित या कटारांकित शीर्षकों वाले प्रत्येक पृष्ठ में अंतिम वर्ग संख्या के पश्चात एक पाद् टिप्पणी दी हुई होती है जो इन निर्देशों तक पहुंचने में सहायक हैं। सामूहिक 'योजक' निर्देशों में तारांकित या कटारांकित शीर्षकों की वर्ग संख्या के आगे जोड़ने के लिए या तो अंकों की एक श्रृंखला दी जाती है या तालिकाओं में अन्यत्र दी गई वर्ग संख्याओं को जोड़ने के निर्देश मिल जाते हैं। इन निर्देशों का पालन करते हुए कब कभी आधार संख्या के आगे दूसरी वर्ग संख्या के अंश को सीधे तो कभी पक्ष संकेतक के साथ जोड़ा जाता है। दोनों ही स्थितियों को सामूहिक 'योजक' निर्देशों में स्पष्ट रूप से दिया जाता है।
शीर्षक Cotton harvesting की वर्ग संख्या निर्माण हेतु, सर्वप्रथम आधार संख्या का निर्धारण किया जाता है। इस शीर्षक में Cotton अधिक मूर्त विषय होने के कारण वर्ग संख्या निर्माण के लिए आधार बनेगा। तृतीय सारांश तथा संबंधित तालिका को देखने पर Cotton की वर्ग संख्या 633.51 मिल जाती है। इस वर्ग संख्या का शीर्षक तारांकित है अत: उस पृष्ठ की पाद् टिप्पणी, Add as instructed under 633-635" का अनुसरण करते हुए पृ. 1041 पर दिए गए सामूहिक 'योजक' निर्देशों पर पहुंच जाते है। इनमें से निम्नलिखित निर्देश उपरोक्त शीर्षक की वर्ग संख्या निर्माण में सहायक है : Cultivation and harvesting "Add the numbers following 631.5 in 631.51 - 631.57...."
अब वर्ग संख्या श्रृंखला 631.51 - 631.57 में देखने पर Harvesting की वर्ग संख्या 631.55 मिलती है। उपरोक्त निर्देशानुसार 631.55 में से 631.5 के बाद के अंक अर्थात 5 को, इन निर्देशों के आरंभिक भाग में दी गई टिप्पणी, Add to the notation for each term identified by * as follows : " के अनुसार आधार संख्या 633.51 के आगे जोड़ दिया जाता हैअत: Cotton harvesting की वर्ग संख्या
633.51 + 5 = 633.515 आधार संख्या 633.51 पर 631.51 - 63157 से वर्ग संख्याओं की पूरी श्रृंखला बनायी जा सकती है:

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